आईपीएल 2019: शानदार खिलाड़ी, सबसे बड़ा विवाद, सबसे बड़ा बयान- जसप्रीत बुमराह, लसिथ मलिंगा, धोनी रहे चर्चा में

आईपीएल 2019: शानदार खिलाड़ी, सबसे बड़ा विवाद, सबसे बड़ा बयान- जसप्रीत बुमराह, लसिथ मलिंगा, धोनी रहे चर्चा में

Lasith Malinga IPL 2019 12 Orange Purple Cap

जसप्रीत बुमराह और राहुल चाहर की कसी हुई गेंदबाजी के बाद लेसिथ मलिंगा के आखिरी ओवर के कमाल से मुंबई इंडियन्स ने उतार चढ़ाव से भरे रोमांचक फाइनल में रविवार को यहां चेन्नई सुपरकिंग्स को एक रन से हराकर चौथी बार आईपीएल चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया।

चेन्नई के सामने 150 रन का लक्ष्य था लेकिन उसकी टीम शेन वाटसन के 59 गेंदों पर 80 रन के बावजूद सात विकेट पर 148 रन ही बना पाया। चेन्नई को आखिरी ओवर में नौ रन चाहिए थे लेकिन इसमें उसने वाटसन का विकेट गंवाया। मैच का परिणाम अंतिम गेंद पर निकला जिसमें चेन्नई को दो रन की दरकार थी लेकिन मलिंगा ने यार्कर पर शार्दुल ठाकुर को पगबाधा आउट कर दिया। फिलहाल बेहतरीन और रोमांचक तरीके से फाइनल मैच का अंत हुआ, जिसकी सबको उम्मीद नहीं थी।

स्टैंडआउट प्लेयर – जसप्रीत बुमराह
आईपीएल के 12वें सीजन के फाइनल में मुम्बई इंडियंस के लिए शानदार गेंदबाजी कर मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार हासिल करने वाले जसप्रीत बुमराह को आज के समय में दुनिया का बेहतरीन गेंदबाज हैं। बुमराह ने चेन्नई सुपर किंग्स के साथ रविवार को राजीव गांधी स्टेडियम में हुए खिताबी मुकाबले में चार ओवर में 14 रन देकर दो विकेट हासिल किए। मुम्बई द्वारा दिए गए 150 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए सुपर किंग्स एक रन से हार गए। बुमराह ने आईपीएल के 12वें सीजन में 16 मैचों में कुल 16 विकेट लिए लेकिन उनका इकोनॉमी रेट 6.63 रहा, जो शानदार माना जा सकता है।

स्टैंडआउट पल- मलिंगा का आखिरी ओवर

आखिरी ओवर में अपनी बेहतरीन गेंदबाजी के कारण मुंबई इंडियंस को चौथा इंडियन प्रीमियर लीग खिताब दिलाने वाले तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा की जितनी तारीफ की जाए, उतनी ही कम होगी। चेन्नई के लिए सब कुछ सही जा रहा था। आखिरी ओवर में उसे जीत के लिए नौ रन चाहिए थे। इसी ओवर में हालांकि उसके सेट बल्लेबाज शेन वाटसन (80) रन आउट हो गए। आखिरी गेंद पर चेन्नई को दो रन चाहिए थे, लेकिन मलिंगा ने यॉर्कर पर शार्दूल ठाकुर को पगबाधा आउट कर मौजूदा विजेता चेन्नई को हर दिया। यह पल मुंबई इंडियन्स कभी नहीं भूल पाएगा। इस ऐतिहासिक जीत में मलिंगा का योगदान काफी महत्वपूर्ण रहा।

सबसे बड़ी निराशाः चेन्नई का मिडिल ऑर्डर

वाटसन ने जमने में ज्यादा समय नहीं लगाया और लेसिथ मलिंगा पर दो चौके और छक्का जड़कर हाथ खोले, लेकिन दूसरे छोर से विकेट गिरने से वह धीमे पड़ गये। सुरेश रैना (14 गेंदों पर आठ रन) को दूसरी बार डीआरएस से जीवनदान नहीं मिला। बुमराह ने नये बल्लेबाज अंबाती रायुडु (एक) को आते ही विकेट के पीछे कैच करवा दिया लेकिन टर्निंग प्वाइंट तब आया जब महेंद्र सिंह धोनी (आठ गेंदों पर दो रन) ओवरथ्रो पर दूसरा रन लेने के प्रयास में रन आउट हो गये। पंद्रह ओवर के बाद चेन्नई चार विकेट पर 88 रन बनाकर संघर्ष कर रहा था। चेन्नई में मिडिल ऑर्डर का कोई भी ऐसा प्लेयर नहीं रहा, जिसने टिक कर बैटिंग की। नतीजा यही रहा कि आखिरी ओवरों में अनुभवी बल्लेबाज क्रीज पर मौजूद नहीं थे, जिसकी वजह से जीतता हुआ मैच, हार में पलट गया।

सुधार की संभावना- मैचों की समयावधि

टूर्नामेंट के अगले संस्करण के लिए बीसीसीआई को गंभीरता से विचार करना चाहिए कि कैसे मैचों की समयावधि को कम कर सके। इस साल कई बार, शाम वाले मैच आधी रात तक के बाद तक हुए। चार घंटे से अधिक समय तक खेल हुआ। यह माना जाता है कि एक टी-20 मैच तीन या साढ़े तीन घंटों के भीतर किया जाना चाहिए, जो कि बेहद कम ही बार मुमकिन हुआ। कई मैचों के परिणाम 12 बजे के बाद आए। लेकिन बीसीसीआई क्या कर सकता है? इसके लिए बीसीसीआई समय से पहले मैच को शुरू करने चाहिए। फिलहाल बीसीसीआई को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

स्टैंडआउट बयानः एमएस धोनी

मुझे लगता है कि दोनों टीमों ने कई गलतियां कीं और एक समय दोनों एक दूसरे को ट्रॉफी की ‘पासिंग’ कर रही थीं. (एमएस धोनी ने फाइनल मुकाबले में अपने एक बयान में कहा)